फरीदाबाद। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं प्रगतिशील किसान मंच के अध्यक्ष सत्यवीर डागर ने फरीदाबाद नगर निगम में जिले के 26 गांव को शामिल किए जाने का विरोध किया है। डागर ने कहा कि नगर निगम श्वेत पत्र जारी करे कि अब तक जो गांव नगर निगम में शामिल हुए हैं, उनमें नगर निगम ने कितनी जमीन बेची है और उससे अर्जित किया जितना धन उन गांवों के विकास पर खर्च किया गया।
Faridabad Municipal Corporation should issue white paper on village development: Satyaveer Dagar
Faridabad. Senior Congress leader and President of Progressive Kisan Manch Satyaveer Dagar has opposed the inclusion of 26 villages in the district in the Faridabad Municipal Corporation. Dagar said that the municipal corporation should issue a white paper on how much land the municipal corporation has sold and earned from the villages that have joined the municipal corporation so far, the money spent on the development of those villages.
सत्यवीर डागर, कांग्रेस के प्रवक्ता सुमित गौड़, योगेश ढींगड़ा और कांग्रेस के पूर्व जिला प्रभारी ने यहां एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
सत्यवीर डागर ने कहा कि हमारे गांव की सैकड़ों एकड़ जमीन नगर निगम में ले ली गई, लेकिन गांव में एक सीवर डालने के लिए हमें तरले करना पड़ते हैं। ऐसे नगर निगम का क्या फायदा, जो गांवों का धन और जमीन लेकर वहां विकास कार्य भी न करे।
कांग्रेसी नेता डागर ने कहा कि गांवों की पंचायत की जमीनों में युवाओं को रोजगार मिलता है। मछली पालन और पट्टे पर खेती आदि करते हैं। इससे पंचायत गांव का विकास करती है। इन तो नगर निगम का रिकॉर्ड रहा है कि वह गांव के संसाधनों को तो हड़प लेता है, लेकिन वहां विकास कार्य बिल्कुल नहीं करता है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम जिन गांवों अपनी परिधि में शामिल करना चाहता है, उनका करोड़ों रुपया खातों में पड़ा हुआ है और सैकड़ों एकड़ जमीन पड़ी हुई है। नगर निगम उसे हड़पना चाहता है।
कांग्रेसी नेता डागर ने कहा कि नगर निगम के पार्षद भी घोटालों के आरोप लगा रहे हैं। अभी 50 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ, उसकी जांच चल रही थी कि नगर निगम में आग लगाकर उसकी फाइल जला दी गईं। उन्होंने कहा कि पंचायत में एक करोड़ का गबन होता है, तो पंच-सरपंच सस्पेंड हो जाते हैं, लेकिन जहां 50 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है, लेकिन यहां कोई सस्पेंड नहीं हुआ।
उन्होंने दावा किया कि शहर में जितना विकास हुआ है, वह सारा विकास कांग्रेस सरकार की योजनाओं के तहत किया गया है। आप बता दीजिए कि वर्तमान मुख्यमंत्री ने कौन सी घोषणा की और उसे लागू किया गया है। पार्षद बताएं कि वे जनता के साथ हैं या वे अन्य गांवों को नगर निगम के हाथों लुटवाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि इस योजना में उन गांवों को शामिल किया गया है, जिनके पास करोड़ों रुपए हैं और कई एकड़ जमीन है। उन गांवों को छोड़ दिया गया है, जिनके पास पैसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि आज तक स्मार्ट सिटी के तहत कोई भी पैसा इन गांवों में नहीं लगा है। जो गांव पहले से नगर निगम में शामिल हैं, उनमें भी कोई पैसा नहीं लगा है।
उन्होंने कहा कि उनके गांव में आज दिन तक सीवर की लाइन नहीं लगी है। इसलिए हम अन्य गांवों के लोगों को आगाह कर रहे हैं कि हम भुक्तभोगी हैं। जैसा हमारे साथ हुआ है, वैसा ही आपके साथ होगा।
उन्होंने कहा कि जहां-जहां नगर निगम है, उनको कोई पूछने वाला नहीं है। जिन गांवों के पास पैसा है, उन्होंने खुद अपना विकास किया है। सरकार ने वहां कोई विकास कार्य नहीं करवाए हैं। अगर सरकार ने कोई विकास कार्य करवाया है, तो बताया जाए।
सुमित गौड़ ने कहा कि कि भाजपा से जो नेता मेयर का चुनाव लड़ना चाहता है, वही यह सारी कसरत करवा रहा है। जातीय समीकरण बैठाने के लिए नगर निगम में गांवों को शामिल किया जा रहा है।
गौड़ ने कहा कि गांव को नगर निगम की परिधि में शामिल किए जाने का अब हर गांव में विरोध शुरू हो गया है। आज चंदावली में विरोध किया जा रहा है। यह आंदोलन रुकने वाला नहीं है।
योगेश ढींगड़ा ने कहा कि कांग्रेस ग्रामीणों का पूरा समर्थन करेगी।
मोहम्मद बिलाल ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह ग्रामीणों के साथ है। सड़क से संसद तक आंदोलन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि फरीदाबाद जिले के 26 गांवों को नगर निगम सीमा में शामिल करने की योजना है।
निगमायुक्त डॉ. यश गर्ग की ओर से संबंधित गांवों के नाम का उल्लेख करते हुए एक पत्र भेज कर सात विभागों से ब्योरा मांगा गया है कि किस गांव में कितना फीसद शहरीकरण हो चुका है।
गांवों की जानकारी मिलने के बाद रिपोर्ट प्रदेश सरकार के पास भेजी जाएगी।
नगर निगम में 26 गांवों खेड़ी गुजरान, सरूरपुर, समयपुर, नंगला जोगियान, खंदावली, सीकरी, जाजरु, मलेरना, साहूपुरा, चंदावली, मुजैड़ी, मिर्जापुर, नीमका, बड़ौली, भतौला, खेड़ी खुर्द, खेड़ी कलां, बादशाहपुर, टिकावली, तिलपत, पियाला, फरीदपुर, ददसिया, करौली, रिवाजपुर तथा बिंदापुर शामिल हैं।